कोल्डरिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत – राजस्थान, मध्य प्रदेश में 25 से ज्यादा बच्चों की मौत (पूरी जानकारी)

Cough Syrup Death Case: जानलेवा जहरीले कोल्डरिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है अब तक मध्य प्रदेश और राजस्थान में 25 से अधिक बच्चों की मौत एक कफ सिरप कोल्डरिफ (Coldrif) के लेने से हुई है।केंद्र और राज्य सरकार इस मामले को लेकर एक्टिव हुई है। जिस कंपनी ने इस दवाई को बनाया था उस कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर कंपनी को सीज कर दिया गया है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस कफ सिरप में ऐसा क्या था जिसने 25 से ज्यादा बच्चों की जान ले ली। चलिए इस कफ सिरप की पूरी जानकारी नीचे विस्तार से जानते हैं।

जिस कफ सिरप से 25 से अधिक बच्चों की मौत हुई है उसका नाम कोल्डरिफ (Coldrif) है जो कि तमिलनाडु में सेरसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर (sersan pharmaceutical manufacturer) कम्पनी ने इस कफ सिरप को बनाया था, मध्य प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर ऑफिस द्वारा इस कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर कम्पनी को सीज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 8 से ज्यादा डॉक्टर इस कंपनी की दवा लिखकर विदेश घूमने जाया करते थे। आखिर एक ही डॉक्टर बार बार इसी कंपनी की दवा क्यों लिखते थे। सरकार ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्रा, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित 8 राज्यों में इस कफ सिरप को बैन कर दिया गया है।

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दरअसल, कोल्डरिफ (Coldrif) नाम की जिस दवा से बच्चों की मौत हुई है Diethylene Glycol नाम का एक केमिकल मिलाया जाता है जिसकी मात्रा एक कफ सिरप में 0.1% होनी चाहिए, लेकिन कंपनी ने अपने फायदे और रिजल्ट को लेकर Diethylene Glycol केमिकल की मात्रा 46.28% तक मिलायी थी। जो कि काफी ज्यादा मात्रा हो चुकी थी। सरकार द्वारा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है साथ ही कंपनी में इस कफ सिरप के स्टॉक को इकठा कर कंपनी को सीज कर दिया गया है।

कोल्डरिफ (Coldrif) नाम की कफ सिरप में एक्टिव इंग्रीडिएंट पेरासिटामोल + फेनिलेफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड + डाइफेनहाइड्रामाइन होता है इसके साथ-साथ कुछ केमिकल को भी मिलाया जाता है जिससे इस दवा की पोटेन्सी और एक्सपायरी लम्बी हो सके।Diethylene Glycol जिसकी मात्रा 0.1% ही होनी चाहिए, लेकिन कंपनी ने 46.28% मिलाकर 25 से अधिक बच्चों की जान ले ली।

जी हाँ दोस्तों, Diethylene Glycol नाम के केमिकल का इस्तेमाल पैंट बनाने वाली फैक्टरियों और ब्रेक बनाने वाली फैक्टरियों में किया जाता है। जो केमिकल पैंट और ब्रेक में इस्तेमाल होना चाहिए वो केमिकल आपके बच्चों के पेट में जा रहा है।

सेरसन फार्मास्यूटिकल कंपनी सस्ती दवा बनाने और अपने फायदे के लिए Glycerin (ग्लिसरीन) की जगह इस सस्ते केमिकल का इस्तेमाल कर रही थी। अपना मुनाफा और इस लालच ने 25 से अधिक मासूम बच्चों की जान ले ली।

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सेरसन फार्मास्यूटिकल कंपनी ने Diethylene Glycol नाम के केमिकल का इस्तेमाल कफ सिरप को गाढ़ा बनाने और मीठा बनाने के लिए इस्तेमाल किया था, लेकिन केमिकल की जगह ज्यादातर कंपनियां ग्लिसरीन नाम के केमिकल का इस्तेमाल करती हैं।

कोल्डरिफ कफ सिरप से कितने बच्चों की मौत हुई है?

कोल्डरिफ (Coldrif) नाम की कफ सिरप से राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित 8 राज्यों में 25 से अधिक बच्चों की मौत हुई है। इस कफ सिरप में Diethylene Glycol केमिकल जिसकी मात्रा 0.1% होनी चाइये, कंपनी ने उसकी मात्रा 46.28% यानि 460 गुना ज्यादा मिलायी थी।

कोल्डरिफ कफ सिरप को किस कंपनी ने बनाया था?

दरसल, तमिलनाडु में “सेरसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर” नाम की कंपनी ने ही कोल्डरिफ कफ सिरप को बनाया था। अक्टूबर 2025 में इस दवा को लेने से 25 से अधिक मासूम बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। इस मामले की पूरी जानकारी इसी वेबसाइट indiafreshnews पर दी गयी है।

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